बीते 10-12 साल में कड़क ठंड वाले दिनों की संख्या लगातार घट रही है। इस बार अल-नीनो की वजह से सर्द दिन काफी कम रह सकते हैं। एक दशक पहले तक सर्द दिनों का स्पेल 4-5 दिन रहता था। इस बार सिर्फ 1-2 दिन के सर्द दौर आ सकते हैं। मानसून में कम बारिश का कारण रहा अल-नीनो सर्दियों पर भी असर डालेगा। विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) और अमेरिकी मौसम एजेंसी 'एनओएए' के मुताबिक, उत्तरी गोलार्ध में अल-नीनो के मई 2024 तक सक्रिय रहने की संभावना 85% है। इसके असर से समुद्री सतह का तापमान अभी औसत से 1.3 डिग्री तक ज्यादा चल रहा है। समुद्री तापमान में इतनी बढ़ोतरी फरवरी-अप्रैल 2016 के बाद पहली बार दर्ज हुई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव व मौसम विज्ञानी डॉ. माधवन नैयर राजीवन ने यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियन रेंज वेदर फॉरकास्ट्स मॉडल के हवाले से बताया कि अल-नीनो की वजह से आने वाली सर्दी में ठंड ज्यादा नहीं पड़ेगी। सर्दी का मौसम भी छोटा रहेगा, यानी ठंड के दिन कम रहेंगे। नवंबर से फरवरी तक तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, इसलिए कोल्ड वेव की गुंजाइश कम है। इधर, भारतीय मौसम विभाग ने अभी सर्दी के सीजन का पूर्वा...
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