Bush typhus ( Becteria)जयपुर समेत 30 जिले गिरफ्त मे scrub typus cases in Jaipur



पहले कोविड महामारी और अब माइट या पिस्सू के कटने से तेजी से फेल रहा है बुश टाइफस। यह वायरस अब तक जयपुर, उदयपुर, अलवर, राजसमंद, कोटा, चित्तौड़गढ़, करौली, दौसा समेत राजस्थान के 30 जिलों में बुश टाइफस के 1400 पॉजिटिव मिले जिससे चिकित्सक विभाग अलर्ट पर है। वायरस के चलते 15 की मौत हो चुकी है

आंकड़ों की माने तो यह दिन बादिन बढ़ते जा रहे है आंकड़ों के अनुसार उदयपुर पहले, जयपुर दूसरे, और अलवर तीसरे, नंबर पर है। प्रदेश के तीन जिले श्रीगंगानगर, जैसलमेर और बांसवाड़ा में इस साल स्क्रब टाइफस का एक भी मामला सामने नही आया है। इस वायरस को रोकने का जिम्मा चिकित्सा और पशुपालन विभाग का है। परंतु दोनो विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे है।

स्क्रब या बुश टाइफस वायरस (बैक्टीरिया) के लक्षण


1) संक्रमण होने के बाद शरीर में प्लेटलेट्स कम बनती है।

2) सांस लेने में दिक्कत होती है।

3) शरीर की मास्पेशियो में अकड़न रहती है।

4) शरीर पिला पढ जाता है और उल्टी होती है।

5) मन ललचाता है और तेज बुखार होता 

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बुश टाइफस बैक्टिरियल या रिकेट्सियल डिजीज है, जो सुसुगॆमॏसी बैक्टीरिया से फैलती है।

▪️स्क्रब या बुश टाइफस का पहला मामला 2012 में मिला था। यह एक जीवाणु जनित संक्रमण है। जो सुसुगॆमॏसी बैक्टीरिया से फैलती है।

▪️ जयपुर जिले में प्रभावित क्षेत्रों में सांगानेर, सोडाला, झोटवाड़ा, मानसरोवर, चार दिवारी क्षेत्र चाकसू और कोटपुतली सम्मलित है।

▪️ थ्रोंबोसाइटोपेनिक माइट जब शरीर में प्रवेश करता है। तो शरीर में बैक्टीरिया पनपते लगते है कीट के काटने से शरीर पर फाफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान पड़ जाता है। जो बाद में घाव में बदल जाता है।

▪️लक्षण दिखने पर पेंकिलर लेने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। समय पर इलाज न होने पर खतरा बढ़ सकता है।
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